इटली की सत्ता पर उस तानाशाह का कब्जा हुआ, जिसके जुल्म से नाराज जनता ने उनके शव को भी नहीं छोड़ा था https://ift.tt/2LjoJAz
1922 में 27-28 अक्टूबर की रात को 30 हजार लोगों ने इटली के तब के प्रधानमंत्री लूजी फैक्टा के इस्तीफे की मांग को लेकर रोम पर चढ़ाई कर दी। इस भीड़ के लीडर थे बेनितो मुसोलिनी। लोकतांत्रिक सरकार की रक्षा करने से सेना ने भी हाथ खींच लिए। नतीजा ये हुआ कि फैक्टा को सत्ता छोड़नी पड़ी। उनकी जगह नए प्रधानमंत्री बने बेनितो मुसोलिनी।
मुसोलिनी इटली की नेशनल फासिस्ट पार्टी के नेता थे। वे 1922 से लेकर 1943 तक लगातार 21 सालों तक इटली के प्रधानमंत्री रहे। अपने कार्यकाल के शुरुआती तीन साल तक उन्होंने लोकतंत्र की इज्जत करते हुए शासन किया। मुसोलिनी ने आज ही के दिन 1925 में खुद को इटली का तानाशाह घोषित कर दिया। शुरुआत में तो मुसोलिनी को जनता ने बहुत प्यार दिया। जनता पूरी ताकत के साथ उनके पीछे खड़ी रहती थी। लेकिन बाद में मुसोलिनी ने तानाशाही शुरू कर दी, जिससे वहां की जनता का जीना हराम हो गया।
ये वो वक्त था जब जर्मनी में एडोल्फ हिटलर का शासन था, जो खुद भी एक तानाशाह था। हिटलर और मुसोलिनी के बीच दोस्ती भी थी और थोड़ी खटास भी। खटास इसलिए क्योंकि उस वक्त मुसोलिनी से ज्यादा प्रसिद्ध हिटलर था। इसी बात से मुसोलिनी को उससे जलन होती थी। हालांकि, इन सबके बाद भी दूसरे विश्व युद्ध के समय मुसोलिनी ने हिटलर का साथ दिया। इसी वजह से 25 जुलाई 1943 को इटली के राजा ने मुसोलिनी की सरकार को बर्खास्त कर दिया।
1945 में जब तय हो गया कि जर्मनी दूसरा विश्व युद्ध हारने जा रहा है, तो मुसोलिनी ने स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश की। लेकिन उन्हें उनके कुछ साथियों और प्रेमिका क्लारेटा पेटाची के साथ पकड़ लिया गया। 28 अप्रैल 1945 को मुसोलिनी और उनकी प्रेमिका को गोली मार दी गई। गोली मारने के बाद उनके शव को उल्टा लटका दिया गया। मुसोलिनी के शासन से जनता इतनी तंग आ चुकी थी कि शव के साथ जितना बुरा बर्ताव हो सकता था, जनता ने उससे ज्यादा बुरा किया। मुसोलिनी और उसकी प्रेमिका के शव पर लोगों ने थूका, लात-घूसे मारे, उनके शव पर चढ़कर कूदे। पूरे दिन उनके शव मिलान में पड़े रहे। अगले दिन उन्हें किसी गुमनाम जगह दफनाया गया।
भारत की पहली महिला शिक्षक का जन्म
3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के पुणे में एक दलित परिवार में सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम खण्डोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मीबाई था। 1840 में मात्र 9 साल की उम्र में सावित्रीबाई का विवाह 13 साल के ज्योतिराव फुले के साथ हुआ। सावित्रीबाई फुले और उनके पति ज्योतिराव फुले ने 1848 में मात्र 9 स्टूडेंट्स को लेकर एक स्कूल की शुरुआत की थी। ज्योतिराव ने अपनी पत्नी को घर पर ही पढ़ाया और एक शिक्षक बनाया। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका हैं और वही महिला थीं, जिन्होंने लड़कियों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया था। 1897 में पुणे में प्लेग फैल गया। इसी महामारी से 10 मार्च 1897 को उनका निधन हो गया।
भारत और दुनिया में 3 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :
- 2015 : नाइजीरिया के पूर्वोत्तर शहर बागा में आतंकवादी संगठन बोको हराम के हमले में लगभग 2000 लोगों की मौत।
- 2014 : अल कायदा के आतंकवादियों ने इराक के फालुजा में पुलिस मुख्यालय को नुकसान पहुंचाया और इलाके को अपने कब्जे में बताते हुए उसके एक स्वतंत्र क्षेत्र होने का ऐलान किया।
- 2005 : USA ने तमिलनाडु में सुनामी पीड़ितों को साफ पानी मुहैया कराने के लिए 6.2 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया।
- 2004 : मिस्र की एविएशन कंपनी फ्लैश एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान 604 के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 148 लोग मारे गए।
- 2004 : मंगल पर खोज के लिए निकला अंतरिक्ष यान रोवर स्पिरिट मंगल पर उतरा।
- 2001 : हिलेरी क्लिंटन ने न्यूयार्क के सीनेटर के तौर पर शपथ ग्रहण की। वह देश के इतिहास में पहली पूर्व प्रथम महिला हैं, जिन्होंने चुनावी विजय हासिल की।
- 1977: स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक ने एपल की स्थापना की। बाद में ये दुनिया की सबसे वैलुएबल कंपनियों में से एक बनी।
- 1969: मशहूर फॉर्मूला वन कार रेसर माइकल शूमाकर का जन्म हुआ। शूमाकर ने रिकॉर्ड सात बार फॉर्मूला वन रेस जीती। बाद में लुइस हेमिल्टन ने उनके रिकॉर्ड की बराबरी की।
1938 : अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डी रूजवेल्ट ने पोलियो की बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए एक फाउंडेशन की स्थापना की। रूजवेल्ड 1921 में इस बीमारी की चपेट में आए थे। - 1880 : ‘इलस्ट्रेटिड वीकली ऑफ इंडिया’ का पहला अंक बम्बई (अब मुंबई) में प्रकाशित हुआ।
- 1836 : मुंशी नवल किशोर का जन्म हुआ। उन्होंने पांच हजार से ज्यादा किताबें अलग-अलग भाषाओं में पब्लिश कीं।
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