नए के बजाए पुराने गैजेट खरीदने पर करें विचार, जब भी कोई ऐप या गेम पसंद आए तो रिव्यू जरूर लिखें https://ift.tt/3k84v9U
ब्रायन एक्स चेन. हम दिन का काफी सारा वक्त सोशल मीडिया, इंस्टेंट मैसेजिंग, ऑनलाइन शॉपिंग में गुजारते हैं। खासकर इस महामारी के दौर में। इन सभी चीजों के लिए हम लगभग गूगल, अमेजन, एपल, फेसबुक जैसे बड़ी टेक कंपनियों के प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करते हैं। भले ही आप स्पॉटिफाय जैसी म्यूजिक एप का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन संभवत: आप इस एप का इस्तेमाल भी गूगल के एंड्रॉयड फोन, अमेजन के स्पीकर या आईफोन पर कर रहे होंगे।
भले ही आपने फेसबुक को डिलीट कर दिया है, लेकिन हो सकता है आप अभी भी फेसबुक की सर्विसेज इंस्टाग्राम या वॉट्सऐप यूज कर रहे हों। हाल ही में लॉ मेकर्स ने अमेजन, गूगल, फेसबुक और एपल को एंटी ट्रस्ट सुनवाई के लिए समन भेजा है।
छोटे डेवलपर्स की भी कर सकते हैं मदद
अगर हम बड़ी टेक कंपनियों के चंगुल से छूटना चाहते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं? हालांकि, हम इससे बचने के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। बेसकैंप के फाउंडर जेसन फ्राइड कहते हैं "यह ऐसा नहीं है कि आपने लोकल दुकान से खरीददारी शुरू कर दी और अमेजन को बिजनेस से बाहर कर दिया।" हम हमारे उपयोग के तरीकों को बदलकर छोटे डेवलपर्स के प्रति भी अपना सपोर्ट दिखा सकते हैं।
जब मुमकिन हो दूसरे ऑप्शन खोजें
ईमानदार ग्राहक बनने का पहला कदम है रिसर्च करना। हो सकता है कि गूगल क्रोम सबसे पॉपुलर वेब ब्राउजर हो, लेकिन ऐसे भी कुछ विकल्प होंगे, जो हमारा कम डाटा कलेक्ट करते हों। फेसबुक के अलावा भी हमारे पास दोस्तों से जुड़ने के लिए दूसरे तरीके हैं। हमें केवल न्यूज और टेक ब्लॉग्स पढ़कर इस जानकारी को जुटाना है।
यही बात अमेजन के साथ भी की जाती है। अमेजन से पेपर टॉवेल मंगाने के बजाए लोकल स्टोर से खरीददारी करने पर विचार करें।
सेंटा क्लारा यूनिवर्सिटी में मरक्कुला सेंटर फॉर एप्लाइड एथिक्स के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉन हीडर कहते हैं, "आपको पढ़ना होगा और जानकार रहना होगा नहीं तो आपको इस बात की जानकारी नहीं मिलेगी कि कहां जाना है, क्या चुनना है और इसका असर क्या होगा।" उन्होंने कुछ ऐप्स के उदाहरण भी दिए हैं।
नई खरीददारी क्यों करें? उपयोग किया हुआ सामान खरीदें
- नए प्रोडक्ट खरीदने के बजाए उपयोग किए हुए और रिफर्बिश्ड गैजेट्स के बारे में विचार करें। जब आप नया फोन या कंप्यूटर खरीदते हैं तो आपका पैसा सीधे बड़ी टेक कंपनियों के पास जाता है, लेकिन जब आप उपयोग की हुई चीज को खरीदते हैं तो आप छोटे बिजनेस को सपोर्ट कर रहे हैं जो सामान सुधारता और री-सेल करता है।
- हम में से कई लोग उपयोग की हुई डिवाइस खरीदने में शर्माते हैं, क्योंकि हमें इस बात का डर होता है कि प्रोडक्ट खराब हालत में होगा। हालांकि, अच्छे और भरोसेमंद वेंडर्स और टेक्नीशियंस प्रोडक्ट्स को बेचने से पहले फिर से नए जैसा बना देते हैं।
- जब लोग पुराना या रिफर्बिश्ड सामान खरीदेंगे तो इससे पता चलेगा कि बाजार में रिपेयर्ड प्रोडक्ट्स की मांग है। सस्टनेबिलिटी कंसोर्टियम में टेक्निकल डेवलपमेंट और इनोवेशन के डायरेक्टर कैरोल मार्स ने कहा कि इससे निर्माताओं पर रिपेयरिंग को और आसान बनाने का दबाव आएगा। ऐसे में जब भी इलेक्ट्रॉनिक चीज ऑनलाइन खरीदें तो पहले यह देख लें कि यह प्रोडक्ट उपयोग किया हुआ या रिफर्बिश्ड हालत में उपलब्ध है या नहीं। अगर है तो कंडीशन का पता करें और कुछ पैसे बचाएं।
छोटे और निजी डेवलपर्स को सपोर्ट करें
- हमारी डिवाइसेज का काम उन छोटी कंपनियों पर निर्भर करता है जो हमारे लिए ऐप्स और गेम्स डेवलप करते हैं। इनके लिए समर्थन जताने का एक तरीका है शांति और सहानुभूति रखना। लोग आमतौर पर ऐप या गेम का अपडेट आने पर और नए वर्जन के लिए थोड़ा पैसा मांगने पर चिढ़ जाते हैं। कोशिश करें कि आप परेशान न हों और पैसा चुकाने की इच्छा रखें। नए अपडेट की कीमत एक कॉफी और सैंडविच के लगभग होगी।
- गेम डेवलपर ब्रायना वू का कहना है, "अगर आप अपने पसंद के सॉफ्टवेयर के लिए पैसा दे सकते हैं तो हो सकता है कि आपके पास यह नैतिक जिम्मेदारी हो। ठीक उसी तरह जैसी नैतिक जिम्मेदारी एक वेट्रेस को टिप करने की होगी। हकीकत यह है कि अधिकांश समय जब आप एक इंडी वीडियो गेम खेलते हैं तो उसे बनाने वाले लोगों ने अपनी कंपनी के भविष्य को आपके पैसा चुकाने के ऊपर दांव पर लगाया है।"
- यह भी याद रखें कि छोटे ऐप डेवलपर्स के पास बड़ा मार्केटिंग बजट नहीं होता है। ऐप स्टूडियो के फाउंडर डेविड बर्नार्ड के अनुसार, वे लोग हमारे लिखे रिव्यूज और माउथ पब्लिसिटी पर काफी हद तक निर्भर होते हैं। अगर आपको कोई ऐप पसंद आई है तो अपने दोस्तों को इसके बारे में जरूर बताएं।
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