Breaking News

ओलिंपिक की तैयारी कर रहे बॉक्सर एक दूसरे के साथ प्रैक्टिस नहीं कर सकते, इसलिए शैडो ट्रेनिंग पर फोकस; अब कोच दूर से बताकर गलतियां सुधार रहे https://ift.tt/3gnGdGB

कोरोना के कारण न केवल आम लोगों की जिंदगी बदल गई है, बल्कि ओलिंपिक की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों की ट्रेनिंग का तरीका भी बदला है। इसमें बॉक्सिंग, रेसलिंग जैसे कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स (एकदूसरे के सम्पर्क में आने वाले) शामिल हैं।

पटियाला के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (एनआईएस) में 27 जुलाई से बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। लेकिन इन्हें भी सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना पड़ रहा है। इसका असर ट्रेनिंग पर पड़ रहा है।

शैडो ट्रेनिंग पर जोर

बॉक्सर एक-दूसरे के साथ प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं, इसलिए शैडो ट्रेनिंग (अपनी परछाई के साथ ट्रेनिंग) पर जोर दिया जा रहा है। न्यू नॉर्मल के तहत कोच भी पहले की तरह खिलाड़ियों को हाथ पकड़कर नहीं, बल्कि दूर से बताकर गलतियां सुधार रहे हैं। बॉक्सरों का मानना है कि मौजूदा ट्रेनिंग के तहत उन्हें पुरानी लय हासिल करने में दो से तीन महीने का वक्त लग जाएगा।

कोरोना के कारण ट्रेनिंग का तरीका बदला

57 किलो वैट कैटेगरी में पिछले साल एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाले कविंद्र बिष्ट ने बताया कि कोरोना के बीच शुरू हुई ट्रेनिंग के तौर-तरीकों में काफी बदलाव आया है। अब आप अकेले प्रैक्टिस कर रहे हैं। कोच भी दूर से ही आपको गलतियां बताते हैं। अब खुद को इमेजिंग पार्टनर मानकर ट्रेनिंग करनी पड़ रही है।

किसी पंच की प्रैक्टिस करते वक्त यह सोचना होता है कि सामने वाले बॉक्सर का इस पर क्या जवाब होगा। उसके रिएक्शन को समझकर ही हम अपना अलग कदम तय कर रहे। हालांकि, यह तरीका मुश्किल है। लेकिन वक्त ऐसा है कि हमें इसी तरह ट्रेनिंग करनी पड़ रही है।

चार महीने बाद कैंप शुरू होने से होगा फायदा

कविंद्र ने कहा कि कैंप शुरू होने से पहले सभी मुक्केबाज घर में ही ट्रेनिंग कर रहे थे। लेकिन उनको अपने खेल की कमियों के बारे में उतना नहीं पता था। लेकिन पटियाला में कोच की निगरानी में ट्रेनिंग चल रही है। ऐसे में टोक्यो गेम्स की तैयारी कर रहे सभी मुक्केबाजों को अपनी कमियों के बारे में पता चल रहा है।

कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी एक साथ प्रैक्टिस नहीं कर सकते: साक्षी

57 किलो वैट कैटेगरी में ओलिंपिक क्वालिफाइंग की तैयारी कर रही पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियन साक्षी चौधरी ने बताया कि कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मुक्केबाज एक दूसरे के साथ प्रैक्टिस नहीं कर सकते। सोशल डिस्टेंसिंग रूल को मानना सबके लिए जरूरी है, इसलिए कोच भी दूर से हमें गलतियां बताते हैं। इस वजह से कई बार उनकी बात समझने में दिक्कत होती है। पहले कोच पंच का एंगल गलत होने पर हाथ पकड़कर गलती ठीक कराते थे, लेकिन अभी वह ऐसा नहीं कर सकते।

पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियन साक्षी चौधरी ओलिंपिक क्वालिफाइंग की तैयारी कर रही हैं।

एक रूम में एक मुक्केबाज को रखा गया

साक्षी ने बताया कि न्यू नॉर्मल के तहत एक रूम में केवल एक मुक्केबाज को ही रखा गया है, जबकि पहले दो-तीन बॉक्सर एक रूम में रहते थे। ऐसे में ट्रेनिंग के बाद एक दूसरे की कमियों पर बातचीत नहीं कर पाते हैं। क्योंकि एक-दूसरे के कमरे में जाने की इजाजत नहीं है।

9 बॉक्सर कर रहे है ट्रेनिंग

पटियाला में चल रहे बॉक्सिंग के नेशनल कैंप में अभी 9 मुक्केबाज प्रैक्टिस कर रहे। इसमें 6 बॉक्सर ट्रेनिंग शुरू कर चुके हैं, जबकि तीन क्वारैंटाइन हैं। कैंप में 57 किलो वैट कैटेगरी में कविंद्र के अलावा हासुमुद्दीन और गौरव सोलंकी शामिल हैं।

वहीं, 52 किलो वैट कैटेगरी में अमित पंघाल, 75 किलो में आशीष कुमार, 81 किलो में बृजेश यादव, 91 किलो में संजीत कुमार और 91 किलो+ में कृष्ण शर्मा शामिल हैं। अमित पंघाल और आशीष ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं।

भारतीय बॉक्सिंग टीम के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर सैंटियागो नियेवा (लाल टी-र्शट में) मुक्केबाजों और सपोर्ट स्टाफ के साथ।

पहली बार 9 बॉक्सरों ने ओंलिपिंक कोटा हासिल किया
पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत के 9 मुक्केबाजों ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। इसमें अमित पंघाल (52 किलो), एमसी मैरीकॉम (51 किलो), सिमरनजीत कौर (60 किलो), विकास कृष्णन (69 किलो), पूजा रानी (75 किलो), लवलीना (69 किलो), आशीष कुमार (75 किलो), मनीष कौशिक (63 किलो) और सतीश कुमार (+91 किलो) ने क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ कोटा हासिल किया था।

इससे पहले 2012 के लंदन ओलिंपिक में 8 मुक्केबाजों ने ओलिंपिक कोटा हासिल किया था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत के 9 मुक्केबाजों ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया। इसमें लवलीना ने महिलाओं के 69 किलो वैट कैटेगरी में टोक्यो गेम्स के लिए कोटा हासिल किया है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39S1m9q

No comments