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एनकाउंटर में बुरी तरह घायल हो गया था नक्सली, सीआरपीएफ के दो जवानों ने उसकी जान बचाने के लिए खून दिया https://ift.tt/3ceoGOk

झारखंड में तैनात दो सीआरपीएफ जवानों ने एनकाउंटर में घायल एक नक्सली की जान बचाने के लिए खून दिया। सीआरपीएफ ने कहा कि इंसानियत की खातिर जवानों ने खून देने का फैसला किया था। झारखंड के पश्चिम सिंघभूम जिले में सीआरपीएफ की 60वीं बटालियन और पुलिस ने गुरुवार को हुए एनकाउंटर में 3 नक्सलियों को मार गिराया था। दो नक्सलियों को पकड़ा गया था।

सीआरपीएफ के डिप्टी आईजी मोजेस दिनाकरण ने कहा- जवानों पर हमें फख्र है। इन जवानों ने अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा भी जाहिर की और इंसान की जिंदगी भी बचाई।

नक्सली का काफी खून बह गया था
मनमारू और टेबो के जंगलों में हुई इस मुठभेड़ के दौरान एक नक्सली मनोज हेस्सा बुरी तरह घायल हो गया था। उसे टाटानगपर के अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने सीआरपीएफ कमांडर को बताया कि घायल नक्सली का काफी खून बह गया है। इसके बाद कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश यादव और संदीप कुमार ने इस नक्सली को अपना खून देने का फैसला किया।

केवल इंसान के तौर पर अपना फर्ज निभाया- कॉन्स्टेबल यादव
कॉन्स्टेबल यादव ने कहा- मुझे मालूम है कि ये लोग (नक्सली) हम पर बंदूक तानते हैं। हम भी उनके खिलाफ अभियान चलाते हैं। लेकिन, हर चीज से ऊपर इंसानियत है। मैंने केवल इंसान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाई। मैंने इससे पहले भी खून दिया है। मुझे यह लगता है कि जान बचाने के लिए ये सबसे अच्छा तोहफा है, जो एक इंसान दूसरे को दे सकता है।

कॉन्स्टेबल संदीप कुमार ने कहा- हम लड़ाई में जाते हैं और गोलियां चलाते हैं। देश के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए हम विरोधियों की जान लेते हैं। लेकिन, जान बचाना भी हमारा कर्तव्य है।



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सीआरपीएफ के डिप्टी आईजी मोजेस दिनाकरण ने कहा- जवानों पर हमें फख्र है। इन जवानों ने अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा भी जाहिर की और इंसान की जिंदगी भी बचाई। -प्रतीकात्मक फोटो


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